जनवरी 2017

कुलपति उवाच 

03     राष्ट्रीयता

       के.एम. मुनशी

संदेश

04     सुरेंद्रलाल जी. मेहता

05     होमी दस्तूर

पहली सीढ़ी

11     आओ फिर नज़्म कहें

       गुलज़ार

आवरण-कथा

12     नयी सदी में साहित्य

       सम्पादकीय

14     मनुष्य का विश्वसनीय सहचर है…

       अशोक वाजपेयी

19     `तारों को आंखों से ओझल मत होने दो’

       जितेंद्र भाटिया

24     इक्कीसवीं सदी की साहित्यिक चुनौतियां

       नंदकिशोर आचार्य

27     जन सरोकारों का आईना ही मशाल…

       सुधा अरोड़ा

आलेख 

32     बदलते हुए समाज की बदलती…

       रमेश उपाध्याय

101   पूरे होशो-हवास वाली कविता का सच

       विजय कुमार

128   उपन्यास का देश-समाज 

       विनोद तिवारी

155   संवादहीनता और संवेदनहीनता के …

       प्रेम जनमेजय

197   नयी सृजनात्मक दिशाओं की खोज में

       सुरेंद्रलाल जी मेहता

194   किताबें

धारावाहिक उपन्यास – 12

174   शरणम्

       नरेंद्र कोहली

कथा

44     पूस की रात  

       प्रेमचंद

50     पूस की एक और रात 

       लक्ष्मी शर्मा

59     पूस की एक और…

       गंगा सहाय मीणा

64     फंदा 

       बसंत त्रिपाठी

82     सरोगेट कंट्री  

       सीमा आज़ाद

कविताएं

108   हमारा समाज   

       वीरेन डंगवाल

110   किसान और आत्महत्या

       हरीशचंद्र पांडेय

112   बीमार  

       अनूप सेठी

114   बैलगाड़ी  

भगवत रावत

115   एक जले हुए… 

       कुंवर नारायण

117   जब तक मैं एक… 

       राजेश जोशी

119   संधि-पत्र 

       अरुण कमल

121   उलटबांसी 

       यतींद्र मिश्र

122   क्षण-क्षण की छैनी से 

       हरीश भादानी

124   बर्फ 

       अनिल जोशी

126   ाtढरता 

कुमार अंबुज

उपन्यास-अंश

134   रेहन पर रग्घू

       काशीनाथ सिंह

141   कटा हुआ चांद था कि आधा सूर्य

       अखिलेश

150   मुन्नी मोबाइल

       प्रदीप सौरभ

व्यंग्य

162   भवष्यि में चांद के इतिहास पर…

       शरद जोशी

166   इक्कीसवीं सदी की बाल भारती

       ज्ञान चतुर्वेदी

172   राष्ट्र के नाम संदेश

       यज्ञ शर्मा

शब्द-सम्पदा

192   काल-पा

       विद्यानिवास मिश्र

समाचार

204   भवन समाचार

208   संस्कृति समाचार

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