अप्रैल 2009

 April Cover-09 - (front Positive) Final

 

 

 

 

 

 

शब्द-यात्रा

भाषाओं के लाड़-प्यार का उदाहरण ‘होंठ’
आनंद गहलोत

पहली सीढ़ी 

थके चरण मेरे हों
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

आवरण-कथा

मैं सही हूं, तुम भी सही हो सकते हो
चंद्रशेखर धर्माधिकारी
दूसरे का सच भी समझो
कृष्ण राघव
अनेकांतवाद का मर्म
कैलाश वाजपेयी
सत्य को सीमा-मुक्त करने का नाम अनेकांत है
आचार्य महाप्रज्ञ 

मेरी पहली कहानी

अगिहाने का सच
सुरेंद्र सुकुमार

आलेख

‘हिंद स्वराज’ और क्रेजी सभ्यता
डॉ. मनोज कुमार राय
मन के द्वार को धीरे-से खोलते शब्द
डॉ. धर्मवीर भारती
सह चित्तमेषाम्
विनोबा भावे
फ्ऱांसीसी भी कम अड्डेबाज़ी नहीं करते
सुनील गंगोपाध्याय
इस घर में जीवन भर-भरकर जिया जाता है
हकु शाह
कैसा होगा भविष्य का साहित्य
स्वयं प्रकाश
नगालैंड का राज्य पक्षीब्लिथ  का ट्रैगोपैन
डॉ. परशुराम शुक्ल
हे भरत, तुम स्वादिष्ट अन्न अकेले तो नहीं खाते
आर.एम.पी. सिंह
‘थानेसरी रामायण’ लिखी थी एक मुस्लिम ने
हरिओम गुप्त
 …और शरद व्यंग्यकार बन गया (भाग-2)
शारदा जोशी सारस्वत
मुनशी सम्मान
किताबें

धारावाहिक-उपन्यास (भाग-11)

महात्मा विभीषण
सुधीर निगम 

व्यंग्य

बटन दबाओ, पार्थ
शशिकांत सिंह ‘शशि’
पीपॅलायज़ेशन
प्रियदर्शी खैरा

कहानियां

प्रेमाश्रय
कृष्णा आग्निहोत्री
कांच का मर्तबान और दो कप चाय (लघु कथा)
रमेश चोपड़ा
आत्मविश्वासी (लघु कथा)
लाजपतराय सभरवाल
मैले रंग
सुखबीर
झूठ का बोझ (लघु कथा)
डॉ. कृष्णा श्रीवास्तव
अपनी गरज़ (बोध कथा)
ज्ञानदेव मुकेश

कविताएं

कुंतल कुमार जैन की पांच कविताएं
बुद्धिनाथ मिश्र के दो गीत
अशोक बिंदल की दो कविताएं
विज्ञान व्रत की दो गज़लें

समाचार

संस्कृति समाचार