भवन-समाचार (फ़रवरी, 2014)

“प्रारम्भ से ही भारतीय विद्या भवन हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रसार एवं संवर्धन का महत्त्वपूर्ण काम कर रहा है. ‘भवन’ विज्ञान एवं आध्यात्मिकता के संश्लेषण का पक्षधर है तथा भौतिक व आध्यामिक  विकास के सच्चे आदर्शों के प्रसार में लगा है. मैं ‘भवन’ की हर सफलता की कामना करता हूं. ”

– डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद
(पूर्व राष्ट्रपति एवं भवन के
मानद सदस्य)

 

 

चंडीगढ़  केंद्र के अंतर्गत ‘वीडियो एडिटिंग प्रतिस्पर्धा’ का आयोजन

पूर्व निदेशक एवं उपाध्यक्ष स्व. श्री के.जे. खोसला की स्मृति में श्री के.जे. खोसला अंतर्विद्यालयीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. विद्यालय के चेअरमैन श्री आर.के. साबू कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, साथ ही श्रीमती नंदिनी खन्ना, श्री जगेश खेतान, श्री मधुकर मल्होत्रा और श्रीमती बोनी सोढ़ी आदि गणमान्यजन भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

स्व. श्री खोसला एक दूरदर्शी शिक्षाशात्री थे जो विद्यार्थियों के बहुमुखी विकासर के लिए उन्हें पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने पर ज़ोर देते थे. 1997 से होते आ रहे इस वार्षिक प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम के अंतर्गत वाद-विवाद, वक्तृत्व-कला, गायन, नृत्य आदि को समाहित किया जाता है. इस वर्ष वीडियो एडिटिंग  और निबंध लेखन प्रतियोगिता में दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. निबंध का विषय था- ‘बदलाव जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं’. 13 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने इसमें हिस्सा लिया.

 प्रो. विश्वनाथ जोशी को पीएच.डी. की उपाधि

प्रो. विश्वनाथ जोशी को ‘कामसूत्र और रतिरहस्य ः एक तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर संस्कृत में मुंबई विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त हुई है. उन्होंने अपना शोधग्रंथ मूंगालाल गोयनका स्नातकोत्तर अध्ययन  संस्था और भारतीय विद्या भवन, शोध विभाग के निदेशक प्रो. एस. ए. उपाध्याय के मार्गदर्शन में तैयार किया. 

भुवनेश्वर केंद्र का उपाधिग्रहण समारोह

भवन के संचार और प्रबंध केंद्र (बीसीसीएम) भुवनेश्वर केंद्र ने चौथे उपाधिग्रहण समारोह का आयोजन अपने पीजीडीएम विद्यार्थियों के लिए किया. राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और अपने आशीर्वचनों से विद्यार्थियों को लाभान्वित किया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में ओड़िसा के राज्यपाल और साथ ही वहां के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री माहेश्वर मोहंती भी उपस्थित थे. ज़ेवियर प्रबंधन संस्थान के हॉल में आयोजित इस समारोह में 44 विद्यार्थियों को पीजीडीएम का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया.

राष्ट्रपति द्वारा परीक्षाओं में मेधावी प्रदर्शन के लिए कु. सुरभि गुलेरिया, कु. प्रज्ञान ज्योति निलोग, कु. टिकी मरांडी, कु. पुलामी दत्ता, कु. मधु जालान, राजेश कुमार दास और संतोष कुमार माहापात्रा को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया.

विकलांगों के हितार्थ किये गये अप्रतिम कार्यों के लिए श्रीमती श्रुति महापात्रा ओडिसी नृत्य के प्रतिपादक श्रीमती अरुण मोहंती, उड़िया शात्रीय संगीत के जानेमान गायक रामहरि दास को भवन सम्मान द्वारा नवाजा गया.

राष्ट्रपति मुखर्जी ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारतीय विद्या भवन भारत भर में फैले अपनी 395 संस्थाओं के माध्यम से देशभर के दो लाख विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहा है. 1938 में शुरू हुआ भवन अब 75 वर्ष का हो चुका है.

उन्होंने कहा कि हमें कठोर श्रम से मुनशी के उस सपने को साकार करना है जिसमें उन्होंने भारत को विश्वगुरु बनते और वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्श पर चलता हुआ देखा था. विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आशा जतायी के ये युवा ही कल के भारत की बेहतर तस्वीर बनायेंगे और अपने कुशल प्रबंधन और दृढ़ मनोबल से अपने सपनों को साकार करेंगे.

(फ़रवरी, 2014)

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