अक्टूबर 2017

एक नज़र

कुलपति उवाच 

03    चरखे का दर्शन

      के.एम. मुनशी

अध्यक्षीय

04    संदेह

      सुरेंद्रलाल जी. मेहता

पहली सीढ़ी

11    लीक पर वे चलें

      सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

आवरण-कथा

12    उजास बांटते चलो

      सम्पादकीय

14    उजास बांटने की संस्कृति 

      रमेश दवे

23    `मुक्ति के रास्ते अकेले नहीं मिलते’

      सुरेश ऋतुपर्ण 

26    उजाले की सृजनात्मकता

      परिचय दास

28    `बहिणाबाई’ का `घर’

32    एक करोड़ पेड़ों वाला जंगल

34    तीन उजास कथाएं

      सूरज प्रकाश

40    ज़िंदा शहीद

      कॅप्टेन रवि महाजन

व्यंग्य

65    लौट के बुद्धू घर न लौटे

      प्रेम जनमेजय

नोबेल कथा

42    जानवर का निशान

      रुडयार्ड किप्लिंग

धारावाहिक उपन्यास (भाग- 6)

101   मैं जोहिला

      प्रतिभू बनर्जी

शब्द-सम्पदा

136   पक्षी-संसार (भाग-2)

      विद्यानिवास मिश्र

आलेख 

55    भारतीय पुराख्यान और लोहिया

      रमेशचंद्र शाह

68    `उनकी नैतिकता’ बनाम `हमारा दुराचार’

      मार्लो ब्रांडो

71    सदाशयी गांधी

      धर्मपाल अकेला

79    याद रखना ज़रूरी है 

      सीमा चिश्ती 

82    बापू अहिंसा को युद्ध के मैदान में ले आये

      अमृतलाल वेगड़

85    गांधीजी, बीज आलू और गवर्नर

95    न जाने कहां से घिर आते हैं बादल

      प्रेमकुमार

117   महुअन की महुआई

      मारुति चितमपल्ली

125   मंदिर दियना बार

      डॉ. पुष्पारानी गर्ग

138   किताबें

कथा

86    प्रेम

      मिखाइल पावलोचिव चेखव

128   जनकनंदिनी का निर्णय

      आशा प्रभात

कविताएं

22    ओ दिशा! ओ दिशा!

      हरीश भादानी

31    दो दीप गीत

      सूर्यकुमार पांडेय

54    दो कविताएं

      प्रयाग शुक्ल

समाचार

140   भवन समाचार

144   संस्कृति समाचार

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